जादुई बांसुरी | Magical Flute
यह कहानी जादुई बांसुरी (Magical Flute ) के बारे में हे और मुझे उम्मीद है कि आपको यह Jadui Kahani पसंद आएगी
मोहनपुर पर राजा माधो सिंह का शासन था। उनकी एक बेटी थी जिसका नाम मोहिनी था जिसे वह अपनी जान की तरह प्यार करती थी।
एक बार मोहिनी बीमार पड़ गई। शाही चिकित्सक का इलाज काम करने में विफल हो रहा था। वह इतनी कमजोर हो गई थी कि न बात कर सकती थी और न ही खा सकती थी। वह सिर्फ एक कंकाल की तरह झूठ बोलती। उसके चेहरे पर कभी किसी ने मुस्कान नहीं देखी। राजा ने मोहिनी के चेहरे पर मुस्कान लाने वाले किसी भी व्यक्ति के लिए पुरस्कारों की घोषणा की। यह कहा गया था कि मुस्कान रहस्यमय बीमारी से उसके ठीक होने की प्रक्रिया शुरू करेगी।
एक दिन, मुलायम बांसुरी(Flute) की संगीत लहरियाँ महल में पहुँच गईं। तब मोहिनी सो रही थी। धुन मंत्रमुग्ध कर रही थी। बांसुरी की धुन की आवाज धीरे-धीरे हवा को माधुर्य से भर देती थी। मोहिनी ने आँखें खोलीं और महीनों बाद बोलीं, "कौन खेल रहा है?"
मोहिनी के बोलने की खबर फिर से राजा और रानी को उसके कक्ष में ले आई। उन्होंने मोहिनी के चेहरे पर एक फीकी मुस्कान देखी। राजा चाहते थे कि सैनिक बांसुरी(Flute) वादकों को महल में लाएं। मोहिनी ने इस पर आपत्ति जताई। वह नहीं चाहती थी कि संगीत बाधित हो। वे सभी उस दिशा की ओर चल दिए जहाँ से संगीत आ रहा था। महल से बहुत दूर उन्हें एक लड़का एक पेड़ के नीचे बैठा मिला जो उनकी बांसुरी पर खेल रहा था। कुछ जंगली जीव अपने संगीत की धुन में उसके चारों ओर जमे हुए थे। पदयात्रा की आवाज ने लड़के को अपने संगीतमय सपने से जगा दिया। उसने अपनी आँखें खोलीं और राजा और सैनिकों को चारों ओर पाया। वह भयभीत देखा। बांसुरी उसके हाथ से छूट गई। राजा ने कहा, “लड़के घबराओ मत। हम आपसे बहुत प्रसन्न हैं। आपके बांसुरी संगीत ने हमारी राजकुमारी को ठीक कर दिया है। तुम कौन हो? हम आपको पुरस्कृत करना चाहते हैं?
लड़के ने कहा, "मेरा नाम चंदू है। मैं एक अनाथ हूं। मुझे कुछ नौकरी चाहिए और मैं पढ़ाई करना चाहता हूं।"
राजा चंदू को महल में ले आया। हर रोज वह राजकुमारी के लिए अपनी बांसुरी(Flute) बजाता था, जो उसके स्वास्थ्य को तेजी से हासिल करती थी। राजा ने चंदू के लिए ट्यूटर की व्यवस्था की जो बाद में शिक्षा प्राप्त करने के बाद राजा का सलाहकार बन गया।
मोहिनी के बोलने की खबर फिर से राजा और रानी को उसके कक्ष में ले आई। उन्होंने मोहिनी के चेहरे पर एक फीकी मुस्कान देखी। राजा चाहते थे कि सैनिक बांसुरी(Flute) वादकों को महल में लाएं। मोहिनी ने इस पर आपत्ति जताई। वह नहीं चाहती थी कि संगीत बाधित हो। वे सभी उस दिशा की ओर चल दिए जहाँ से संगीत आ रहा था। महल से बहुत दूर उन्हें एक लड़का एक पेड़ के नीचे बैठा मिला जो उनकी बांसुरी पर खेल रहा था। कुछ जंगली जीव अपने संगीत की धुन में उसके चारों ओर जमे हुए थे। पदयात्रा की आवाज ने लड़के को अपने संगीतमय सपने से जगा दिया। उसने अपनी आँखें खोलीं और राजा और सैनिकों को चारों ओर पाया। वह भयभीत देखा। बांसुरी उसके हाथ से छूट गई। राजा ने कहा, “लड़के घबराओ मत। हम आपसे बहुत प्रसन्न हैं। आपके बांसुरी संगीत ने हमारी राजकुमारी को ठीक कर दिया है। तुम कौन हो? हम आपको पुरस्कृत करना चाहते हैं?
लड़के ने कहा, "मेरा नाम चंदू है। मैं एक अनाथ हूं। मुझे कुछ नौकरी चाहिए और मैं पढ़ाई करना चाहता हूं।"
राजा चंदू को महल में ले आया। हर रोज वह राजकुमारी के लिए अपनी बांसुरी(Flute) बजाता था, जो उसके स्वास्थ्य को तेजी से हासिल करती थी। राजा ने चंदू के लिए ट्यूटर की व्यवस्था की जो बाद में शिक्षा प्राप्त करने के बाद राजा का सलाहकार बन गया।
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